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बुधवार, 23 नवंबर 2011

जीतन मरांडी की फांसी विरोध में संथाली गीत

जीतन मरांडी जोनोम एनाय शोषण समाज ताला रे-२
हारा येनाय बुरू एनाय बाय सहाव लेद-२
हुदिस केदाय आड़ी लोगोन सब केदाय कलम कॉपी
लाहा येनाय समाज बोदोल सारी डहर ते
ओनोलिय जीतन मरांडी एनेच सेरेज जीतन मरांडी
तुमदः टामाक आड़ाङ ते दिशोम होड़े जागवेक् को!
प्रतिक्रियावादी होड़ पुलिस प्रशासन
जीतन मरांडी सुली फांसी तेकोसजा एदेकान
हुदिस आबोन झारखंडवासी लाहा तेबोन तड़ाम
लाइ तेबोन तड़ाम लाघया-२
कोर्ट कानून बाबोन मानाव रापुदाबोन फांसी बाबेर
जीतन मरांडी देबोन रिहाये-२

गीत का हिन्दी अर्थ

जीतन मरांडी शोषण समाज में जन्म लिया। पला ब़ढ़ा ज्ञान हुआ,
शोषण समाज देख उनसे सहा नहीं गया। और बहुत जल्द सोचा
और कॉपी-कलम पकड़ा। आगे बढ़ा, समाज बदलने की सच्ची राह पर।
लेखक जीतन मरांडी सांस्कृतिक कर्मी जीतन मरांडी
मंदर नगाड़ा की आवाज से देश की जनता को जगाया।
प्रतिक्रियावादी और पुलिस प्रशासन
जीतन मरांडी को फांसी की सजा दिया।
सोंचे हम झारखंडवासी आगे बढ़ें,
कोर्ट कानून नहीं मानेंगे, तोड़ेगें फांसी के फंदा
चलें जीतन मरांडी को रिहा करें।

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