उठो! प्रतिरोध करो! मुक्त हों!
क्रान्तिकारी जनवादी मोर्चा (आरडीएफ)
सम्पर्क: revolutionarydemocracy@gmail.comक्रान्तिकारी जनवादी मोर्चा प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सैंटर (एनसीटीसी) बनाने की कड़े शब्दों में निंदा करता है। भारतीय राज्य एनसीटीसी का निर्माण करने की योजना बना रहा है। अमेरिकी साम्राज्यवाद के दिशा-निर्देश के अनुसार बनने वाली यह फासीवादी संस्था आतंकवाद से लड़ने के नाम पर असहमति की सभी आवाजों को कठोरता से दबाएगी और विरोध की हर आवाज को अपराधी घोषित कर देगी। एनसीटीसी केन्द्र की संस्था होगी और इसके आफिसरों को दमनकारी यूएपीए के तहत गिरफ्तार करने, तलाशी लेने और जब्ती करने की शक्तियों से लैस किया जाएगा। साम्राज्यवादी ताकतों के समक्ष पूर्णतया नतमस्तक भारतीय राज्य को ऐसे दमनकारी दंड सहिंता की जरूरत है, ताकि प्राकृतिक सम्पदा की लूट, और ‘विकास’ के नाम पर जिन्दगी और आजीविका के विनाश के खिलाफ तीव्र होते जनप्रतिरोध को वह दबा सके।
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यह संस्था ‘आंतरिक सुरक्षा’ सम्बंधी मामलों की सारी शक्तियों को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के हाथों में केन्द्रीत कर देगा और संघीय प्रणाली के दिखावे मात्र का भी खात्मा कर देगा। कानून और व्यवस्था, जोकि राज्य सरकार का मामला है, पूर्णतया केन्द्र के हाथ में चला जाएगा। इसका परिणाम शक्ति के खतरनाक केन्द्रीकरण में होगा। पुलिस महकमें सहित राज्य सरकार की सारी आर्थिटी और अधिकारी एनसीटीसी को सूचना, दस्तावेज और रिपोर्ट देने के लिए बाध्य होंगें। इससे एनसीटीसी और आईबी सर्वोच्च और अनियंत्रित शक्ति से लैस हो जाएंगें और यह दक्षिणी एशिया में सुरक्षा राज्य निर्माण के इतिहास में खतरनाक होगा। वैसे ही भारत में राज्य सरकारों को बेहद सीमित शक्तियों मिली हैं, जिसकी स्थिति किसी नगरपालिका से ज्यादा बेहतर नहीं हैं, क्योंकि प्रशासनिक और वित्तिय नियंत्रण हमेशा से ही एकदम केन्द्रीकृत केन्द्रीय सरकार के हाथों में निहित है। अब एनसीटीसी बनने से इन सीमित शक्तियों पर एक ओर हमला किया जाएगा और राज्य सरकारों की सीमित शक्तियों पर भी रोकथाम लगा दी जाएगी।
राज्य द्वारा असहमति की आवाजों और उत्पीड़ित जनता से दुर्व्यवहार करने और उनका अपराधीकरण कई बार किया गया है। यूएपीए, मैकोका, गुजकोका, पीएसए जैसे दमनकारी कानूनों के जरिए भारतीय राज्य मूलभूत अधिकारों, जमीन, आजीविका, आत्मसम्मान और राष्ट्रीयता के लिए लड़ाई कर रही जनता पर फासीवादी दमन ढहा रहा है। साथ ही दलित, आदिवासी जैसी उत्पीड़ित जनता, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को इन दमनकारी कानूनों का प्रयोग कर व्यापक पैमानें पर केसों में फंसाया जा रहा है।
कई राजनैतिक संगठनों, सांस्कृतिक समूहों और जनसंगठनों पर फासीवादी राज्य ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। उनके कार्यकर्ताओं को निरंतर गिरफ्तार किया जा रहा है, उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं, झूठे केसों में फंसाया जा रहा है, यहां तक कि झूठी मुठभेड़ों में हत्या कर दी जाती है। मुस्लमानों को तंग करने के लिए राज्य भारतीय मुजाहिदिन जैसे बोगस संगठन भी बना रहा है तथा हजारों मुस्लमानों पर ‘आतंकवादी’ बताकर झूठे केस दर्ज कर दिए हैं। केन्द्रीय और पूर्वी भारत में राज्य ने आपरेशन ग्रीन हंट के नाम पर जनता पर खुनी जंग छेड़ रखी है। अर्धसैन्य बलों, इलिट बलों, विजिलैंट गिरोह सहित सेना और वायू सेना को हजारों की संख्या में तैनात किया गया है ताकि वहां बसने वाले आदिवासियों को उनकी जमीन और जंगलों से उजाड़ा जा सके और इस खनिज सम्पंन क्षेत्र को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की शिकारगाह बनाया जा सके। कश्मीर और उत्तर पूर्वी क्षेत्र में भी भारतीय राज्य ने राष्ट्र और आत्मनिर्णय की लड़ाई लड़ रहे लोगों पर फासीवादी युद्ध छेड़ा हुआ है। हाल ही में झारखंड सीआरपीएफ ने मांग की है कि उन्हें आफ्सा की ‘ढ़ाल’ दी जाए ताकि उन्हें मनमर्जी से हत्या करने, यातना देने, नागरिकों को लूटने की खुला लाईसैंस मिल जाए। एनसीटीसी भारतीय राज्य के हाथ में दमन का एक ओर खतरनाक हथियार होगा जिसके जरिए वह जनता को ‘आतंकी’, ‘अतिवादी’ ठहराकर उनका दमन करेगा।
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-एनसीटीसी वापिस लो और दमनकारी यूएपीए को निरस्त करो।
-आपरेशन ग्रीन हंट बंद करो।
-फर्जी केसों में जनता को गिरफ्तार करना बंद करो।
अध्यक्ष महासचिव
वरवरा राव 09676541715 राजकिशोर 09717583539
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